Psychological facts : ये 10 मजेदार मनोवैज्ञानिक तथ्य नही जानते होंगे आप


इंसान के हर साधारण लगने वाले व्यवहार के पीछे कई मजेदार मनोवैज्ञानिक तथ्य छुपे होते हैं और आज हम आपको बताएंगे ऐसे ही 10 अद्भुत मनोवेज्ञानिक तथ्यों के बारे में है जो आपको हैरान भी करेंगे और साथ साथ psychology के बारे में educate भी।


10 मजेदार मनोवेज्ञानिक तथ्य

1. Low confidence वाले लोगो के सफल होने के चांस ज्यादा होते है।

हां, आपने सही सुना वो लोग जो शुरूआत में खुद को बहुत ज्यादा शक करते हैं और उनमें confidence  की कमी होती है उनके आगे चलकर successful बनने के चांसेस दूसरे high confidence वाले लोगों से ज्यादा होते हैं।

हम यही सोचते हैं कि सिर्फ high confidence ही success तक पहुंचने की अकेली skill है। लेकिन अमेरिकन Psychologist Tomas chamorrow ने अपनी रिसर्च में ये पाया है कि self confidence तभी महत्व का होता है जब वो एक इनसान में कम होता है और उसके तीन main reasons होते है।

Low confidence क्यो जरूरी है?

  • low self confidence खुद की नकरात्मक् पक्ष पर ज्यादा ध्यान देने पर मजबूर करता है। अपने आपको सेल्फ critical बनाके ज्यादातर लोग खुद की ही कल्पनाओ में फंसे रहते हैं और हर नेगेटिव पॉसिबल outcome को Ignore कर देते हैं। इससे वो दूसरों के आगे confident तो लगते हैं, लेकिन खुद के weak areas की नॉलेज ना होने की वजह से उनकी प्लानिंग हमेशा ही अधूरी रहती है। लेकिन जब एक इनसान का low self confidence  उसकी ambition के साथ मिलता है तब उसकी परफॉमेंस और result एक टिपिकल इनसान से बहुत बेटर होते हैं।
  • low confidence आपको मोटिवेट करता है ज्यादा मेहनत करने के लिए बहुत से लोग अलग तो बनना चाहते हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता कि सबसे अलग बनने के लिए उन्हें कितना ज्यादा effort लगाना पड़ेगा। जिस वजह से confidence की कमी एक इनसान को कंसिस्टेंट ,अपना बेस्ट देने के लिए motivated रखती है।
  • Low self confidence हमें ज्यादा सेल्फ अवेयर बनाता है। हमारे अंदर से अकड़ और self distraction को कम करके।

2.अलग अलग भाषाएँ आपके decisions बदल देती है।

जो आपके खयाल,आपकी मातृभाष या फिर आपकी native language से जुड़े होते हैं, वह खयाल बहुत ही अलग होते हैं किसी foreign language से जुड़े खयालों से।

जैसे अगर आपकी मातृभाषा हिंदी है, लेकिन आपको English या फिर French बोली भी आती है तो English या फिर french बोलते समय आपकी choice और आपके decisions ज्यादा तर्कसंगत होंगे।

University of Chicago में हुई एक study में पता चला कि एक foreign language कई लोगों को कम emotional बनाता और उन्हें ज्यादा क्लियरली सोचने पर मजबूर करता है।

ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि बचपन से ही हम अपने सारे emotions का चार्ज अपनी लैंग्वेज में ही समझते और express करते आए हैं। जिस वजह से कोई दूसरी लैंग्वेज में वो emotional conection फिर से बन ही नहीं पाता। 

3. Meaningless activity आपके जींस बदल देती है।


हम  सभी खुश होना चाहते हैं, लेकिन physically और mentally ज्यादा healthy रहने के लिए हमें खुशी को नहीं बल्कि meaning को prayority देनी चाहिए।

2013 में हुई एक स्टडी बताती है कि जो लोग ऐसी एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करते हैं जो उन्हें बस अच्छा feel कराती है, लेकिन उनमें कोई भी असली मीनिंग नहीं होता। उनके जिन्स खुद को ऐसे express करने लगते हैं जैसे वो एक बहुत ही बीमार इनसान के जीन्स हों।

इसलिए अपनी लाइफ  में meaning को ढूंढो उसके साथ खुशी और satisfaction  खुद ब खुद आपको मिल जाएंगे।

4. ज्यादा  comfort anxiety बढ़ाता है।

डेढ़ लाख लोगों पर हुई एक  study में यह देखा गया कि कौनसी country के लोग अपनी Country की higher या फिर lower इनकम की वजह से ज्याद  खुश या फिर दुखी थे।

रिजल्ट्स में पता लगा कि high income कम वाली countries जैसे west के ज्यादातर देशों में anxiety disorder ज्यादा होते हैं, जबकि जिन countries की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है, उनमें इस तरह की .mental health problems  कम देखने को नही मिलती हैं।

इस shocking result का एक reasons ये हो सकता है कि जहां एक higher income country  में comfort की सुविधा ज्यादा होती है।

वहीं वहां के लोगों को इस comfort की कीमत एक भागादौड़ी वाले लाइफस्टाइल कॉन्सटेंट चिंता और अपने Bills या फिर loans बिगड़ने की टेंशन से चुकानी पड़ती है।

यही सारी चिंताएं या फिर लाइफस्टाइल उनकी poor mental health के रूप में दिखता है।

 

5. Sad music इंसान को ज्यादा self aware बनता है।

Brain studies बताती हैं कि sad music सुनने से हमारा दिमाग अपनी एक जगह पर फोकस करने की ability खो देता हैं और हमारा मन बस अलग अलग आइडियास fantasy या फिर memorise के बीच भटकता रहता है।

जहां हाई tempo वाला और loud music हमारी अटेंशन external चीजों की तरफ खींचता है।वहीं sad और slow music हमारा फोकस अपनी iner reality की तरफ मोड़ देता है और हमें खुद के बारे में सोचने पर मजबूर कर देता है।

इस psychological fact को आपने  प्रैक्टिकली देखा होगा जिम या शॉपिंग मॉल मे। यही reason है कि क्यू चाहे आप एक जिम में हों या फिर एक शॉपिंग मॉल में आपका ध्यान external चीजों पर लाने के लिए लाउड और हाई टेम्पोरल music का इस्तेमाल किया जाता है ताकि आप अपने दिमाग से बाहर निकलकर ज्यादा शॉपिंग करो या फिर ज्यादा एक्सरसाइज पर ध्यान दो।

6. दुसरो की help करने वाले लोग ज्यादा जीते है।


ये psychological fact रेगुलर volunteer पर हुई एक research से आया है जो बताती है कि किस तरह से जो लोग अकसर दूसरों की मदद करते हैं, उनके समय से पहले मरने के chance 22 प्रतिशत कम होते हैं as compare to वो लोग जो कभी भी वॉलंटियर या फिर दूसरों की मदद नहीं करते हैं।

यानी आपकी बहुत health problems ज्यादा सोशली कॉन्ट्रिब्यूट करने से खुद ब खुद कम हो जाति है ओर आप एक बेहतर लाइफ जी पाते है।


7.  ज्यादा गुस्से करने वाले लोग आक्रामक pet रखते हैं।

जिस तरह से हमारे अंदर एक bios अपने पार्टनर को चुनते हुए भी ये होता है कि उनके फीचर्स हमारे फीचर्स से ही मिलते जुलते हों और उनकी personalities भी कुछ हद तक हमारे जैसी ही हो। वैसे  ही हम अपने pets के साथ भी अपने स्वभाव एक subconscious manner  में उनके स्वभाव से मिलाने की कोशिश करते हैं।

जिस वजह से जो लोग शांत होते हैं वो naturally उन pets से ज्यादा रिलेट कर पाते हैं जो खुद भी lovinvg और शांत स्वभाव के होते हैं।

जबकि जिन लोगों को गुस्सा ज्यादा आता है वो aggressive pets जैसे रॉटविलर शेफर्ड,जर्मन शेफर्ड जैसी pets को रखतें हैं।

Dogs को human का best friend  इसी रीजन की वजह से बोला जाता है क्योंकि हम अपनी मर्जी से एक ऐसे dog को ढूंढ सकते हैं,जिसकी personality हमसे मेल खाए और जो हमेशा ही हमारी तरह ही act करना चाहे।

अगर आप हमेशा enrgetic और adventure के लिए रेडी रहते हो तो आप Dog भी ऐसा ही चुनेंगे जो ज्यादा एक्टिव रह सके बजाए एक आलसी dog के और अगर आप ज्यादा बोलते नहीं होतो नैचुरली आप भी एक ऐसे dog को ही अपना pet बनाना चाहोगे जो ज्यादा शोर न मचाएं और आपकी शांति में ही आपके साथ enjoy कर पाए।

8. किसी की insult करने से उसका बुरा व्यवहार नहीं बदलता है।

अगर आप किसी इंसान के बुरे व्यवहार को बदलना चाहते हो तो psychology के हिसाब से आपको अपने message  के साथ एक positive outcome को भी जोड़ना चाहिए।

अगर किसी इंसान कूड़ा फैलाते रहने की आदत है तो उसके आगे ये बोलो कि यहां पर हर कोई ही अपनी गंदगी कचरे के डिब्बे में फेंकता है और ऐसा दिखाओ कि ये व्यवहार तो एक सोशल काम है और हर अच्छे इंसान को ऐसा ही behave करना चाहिए।

या फिर अगर किसी को सिगरेट पीते रहने की आदत है तो उसे भी ये मत बोलो कि वो सिगरेट पीने के लिए कितना बुरा है बल्कि ये बोलो कि हर समझदार इन्सान अपनी health की परवाह करता है और वो इतने wise होने के बाद क्यों इस तरह से smoke कर रहा है।

जब भी हमें ऐसा लगता है कि हमारे पास खुद को बेहतर बनाने की चुनौती है, तब हम ज्यादातर अपने व्यवहार को बदलने की कोशिश जरूर करते हैं।

9. Under thinking भी बुरी होती है।

हम बस normally बस ज्यादा सोचने (overthinking) को ही गलत बोलते है जो, unhealthy habit माना जाता है लेकिन बहुत कम सोचना भी equally गलत होता है।

क्योंकि अगर आप overthink करते हो तो आप कोई प्रॉब्लम ना होने पर भी अपनी लाइफ में meaning feel करने के लिए खुद problems को क्रिएट करते रहोगे और अगर आप underthink करते हो तो तब भी आपके लिए easily manuplate होने और अपनी प्रॉब्लम्स के solutions ना ढूंढ पाने के चांसेस बहुत बढ़ जाते हैं।

 

10 Future का डर  past से आता है।

यानी जिस तरह से आप अपने future को देखते हो वह depend करता है आपके past के ऊपर कि वो कैसा था?

psychology में इस रह के fear को बोलते हैं antisipetary anxiety अभी future और future से जुड़ी प्रॉब्लम्स आई भी नहीं हैं,लेकिन आप उनके खयालों की वजह से ही suffer करने लगे हो।

इसलिए अगर आप अगर आप अपने इस फियर को फिक्स करना चाहते हो तो पहले अपने past को फिक्स करो थोड़ी self wellness हासिल करके।


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